जय श्री मां त्रिपुरा सुंदरी

पंचाल समाज का परिचय

भारत की पारंपरिक लुहार जाति की एक विशिष्ट उपजाति - भगवान विश्वकर्मा के अनुयायी

Panchal Samaj 14 Chokhra Logo

जय विश्वकर्मा

पंचाल समाज 14 चोखरा

बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर

कर्म को पूजा मानने की भावना

समाज का परिचय

पंचाल समाज, भारत की पारंपरिक लुहार जाति की एक विशिष्ट उपजाति है, जो मुख्यतः राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में निवास करती है। यह समाज भगवान विश्वकर्मा को अपना आदिगुरु एवं आराध्य मानता है, जो शिल्प, वास्तु और निर्माण कार्यों के देवता हैं।

पारंपरिक रूप से पंचाल समाज धातु कार्य, लोहे व तांबे की वस्तुएं बनाने, औजार निर्माण, भवन निर्माण, शिल्पकला और मूर्तिकला जैसे व्यवसायों में निपुण रहा है। यह समाज 'कर्म को पूजा मानने' की भावना के साथ अपने परिश्रम और हुनर से समाज और राष्ट्र की सेवा करता रहा है।

मुख्य कौशल

धातु कार्य, औजार निर्माण, शिल्पकला

मुख्य क्षेत्र

राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश

पंचाल समाज की पहचान और विशेषताएँ

पारंपरिक व्यवसाय

लोहे, तांबे, पीतल आदि धातुओं से औजार बनाना, कृषि उपकरण तैयार करना, मशीनरी पार्ट्स और घरेलू वस्तुएं बनाना।

धार्मिक आस्था

भगवान विश्वकर्मा, माता त्रिपुरा सुंदरी और अन्य हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा।

शिक्षा और कौशल

आधुनिक समय में समाज ने शिक्षा, तकनीकी क्षेत्र, व्यवसाय और सरकारी सेवाओं में भी अग्रसरता दिखाई है।

संस्कृति और परंपरा

विवाह, त्योहार और पारिवारिक आयोजन पारंपरिक रीति-रिवाजों से संपन्न किए जाते हैं।

सामाजिक संगठन

पंचायत, समाज मंडल, और ट्रस्ट के माध्यम से एकजुटता और सामाजिक सेवा।

पंचाल समाज का उद्देश्य
1

समाज के युवाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाना।

2

पारंपरिक शिल्प और कार्यशैली को आधुनिक तकनीक से जोड़ना।

3

सामाजिक एकता और सहयोग की भावना को बनाए रखना।

4

महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास को प्रोत्साहन देना।

पंचाल समाज के 14 चोखरा

राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, प्रतापगढ़ और समीपवर्ती क्षेत्रों में फैले हुए

लोहारिया
चौरासी
बाँसवाड़ा
तरपोत
खमेरा
पारसोला
पथोक
डूँगरपुर
बोरी
बेताली
मैयोड़
खड़ग
परतापुर
सागवाड़ा

प्रत्येक चोखरा की अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान है, परंतु ये सभी पंचाल समाज की समृद्ध विरासत का हिस्सा हैं।

मंदिर ट्रस्ट प्रबंधन

Temple Trust Management

अध्यक्ष

President

श्रीमान धूलजी भाई पंचाल - अध्यक्ष

श्रीमान धूलजी भाई पंचाल

Shri Dhulji Bhai Panchal

पंचाल समाज 14 चोखरा के सम्मानित अध्यक्ष, मंदिर के विकास और संचालन में अग्रणी भूमिका निभाते हैं।

अध्यक्षPresident
महामंत्री

General Secretary

श्रीमान नटवरलालजी पंचाल - महामंत्री

श्रीमान नटवरलालजी पंचाल

Shri Natwarlal Ji Panchal

मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री, दैनिक प्रबंधन और समुदायिक कार्यों के संयोजक।

महामंत्रीGeneral Secretary
मंदिर ट्रस्ट की जानकारी

Temple Trust Information

ट्रस्ट विवरण

ट्रस्ट नाम:मंदिर श्री त्रिपुरा सुंदरी 14-चोखला पंचाल समाज
पंजीकरण:23.12.1978
अधिनियम:राजस्थान सार्वजनिक ट्रस्ट अधिनियम 1959
क्षेत्राधिकार:बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले

समुदायिक सेवा

• पंचाल समाज 14 चोखरा का प्रतिनिधित्व

• धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

• समुदायिक कल्याण योजनाओं का संचालन

• मंदिर के दैनिक संचालन की देखरेख

संपर्क सूत्र

मंदिर कार्यालय:

+91 79 2550 1234
info@tripurasundari.org

पंचाल समाज कार्यालय:

+91 98765 43210
contact@panchalsama14chokhra.org

सेवा का संकल्प

"माँ त्रिपुरा सुंदरी की कृपा से हमारा ट्रस्ट निरंतर समुदाय की सेवा में समर्पित है। धर्म, संस्कृति और सामाजिक कल्याण के माध्यम से हम सभी भक्तों की सेवा करते रहेंगे।"